अज्ञानता अंधेरी रात है, जिस में न चांद आता है न सितारे। Mahatma vidur
मैं खुद को अंधे बाघ पर, सवार एक अँधा आदमी, कहता हूँ | Jack Ma
जो खो गया हम से, अंधेरी रातों में, उसी को ढूंढने के, लिए ईद आई है, ईद मुबारक |
अज्ञानता के कारण आत्मा सीमित लगती है, लेकिन जब अज्ञान का अंधेरा मिट जाता है, तब आत्मा के वास्तविक स्वरुप, का ज्ञान हो जाता है, जैसे बादलों के हट जाने पर, सूर्य दिखाई देने लगता है | Adi Shankaracharya
ये राहें ले ही जायेंगी मंजिल तक, हौसला रख कभी सुना है कि, अंधेरे ने सवेरा होने न दिया I
"पुस्तकें एक मुर्ख आदमी के लिए वैसे ही हैं, जैसे एक अंधे के लिए आइना।" ~ आचार्य चाणक्य